येशु क्रॉस पर लटका हुवा था। तो नीचे से रोमन सैनिकों ने कहा, "तुम नीचे आ जाओ तो हम मान जाएंगे तुम ईश्वर के पुत्र हो।" यानि कि बन्दर नाच कर के दिखाओ। तो हम यहाँ बन्दर नाच करने नहीं आए हैं। पुर्ण रूप से मानव, पुर्ण रूप से ईश्वर। पुर्ण रूप से मानव होना ही तो बड़ा समाचार है।
जो काम करना है वो बड़े बड़े टीम बनेंगे। नाम है कल्कि सेना। अस्त्र है सत्य वचन। यानि कि मानवीय संभावना से हो के गुजरेगी काम। जादुटोना नहीं होना। शुरू में आने वाले कम संख्या में ही होंगे। धीरे धीरे संख्या बढ़ेगी।
पहला पायलट प्रोजेक्ट होगा नेपाल में। और वो टेम्पलेट सारे दुनिया को जाएगी। नेपाल। उसके बाद भारत और चीन। तब समस्त दुनिया। नए किस्म के समाज का निर्माण। इस के आर्थिक पक्ष हैं। राजनीतिक पक्ष हैं।
पहले तो एक पुस्तक आएगी। बात को सविस्तार समझाया जाएगा। लगभग २०० पन्नों का पुस्तक होगा। उसके प्रमुख लेखक खुद जय साह (कल्कि अवतार) होंगे। लेकिन एक टीम बना के पुस्तक पर काम करेंगे। कुछ अर्थशास्त्री उन्हें मदद करेंगे।
उसी शुरुवाती काम के लिए अभी फंडरेजिंग कर रहे हैं।
सभी बात अभी मुझे भी स्पष्ट नहीं है। हम भी पुस्तक का इंतजार कर रहे हैं।
लेकिन कुछ बात कहे देते हैं।
पैसा बिना का समाज। शत प्रतिशत रोजगारी। आप जितने घण्टे काम करेंगे आप की कमाई वो हुवी। सब काम बराबर। यानि कि कैमरा के सामने सलमान खान, उन्होंने आठ घंटा काम किया तो उनके खाते में आठ घंटे गए। कैमरामैन ने आठ घंटे काम किया तो उसके खाते में भी आठ घंटे गए।
लेकिन समृद्धि रहेगी। अभी से कहीं ज्यादा। अभी तो क्या खाक समृद्धि है। घोर असमानता है। तकनिकी अभी से बहुत आगे। बहुत ही सोफिस्टिकेटेड सप्लाई चेन्स।
बाँकी बातें पुस्तक बताएगी। आप अपने प्रश्न भेज सकते हैं। लोग स्वेच्छा से ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार करेंगे और सत्य युग की स्थापना करेंगे।
अभी तो टीम बन रहा है। कल्कि सेना। सहभागी होइए। फंडरेजिंग में मदद किजिए।
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