भगवान शिवजी ने हनुमानजी के एक प्रश्न के जवाब में एक बार कहा, "जिस तरह दिन के बाद रात का आना होता है उसी तरह कलियुग का भी आना होता है।"
चार ऋतु को ही मान लिजिए। कुछ पांडवो ने सपने देखे। सपने के दृश्य भगवान श्री कृष्ण को विस्तार से बताया। कि हमें तो समझ में नहीं आ रहा। ऐसा भी हो सकता है क्या? भगवान श्री कृष्ण ने कहा कलियुग में कुछ ऐसा ही होगा। अर्थात कलियुग के घटना द्वापर युग के लोगों को मानना भी कठिन। कि ऐसा भी हो सकता है। इसिलिए आज आप को बहुत ऐसे लोग मिल जाएंगे जो कहेंगे रामायण और महाभारत तो उपन्यास हैं। काल्पनिक घटनाएँ हैं। त्रेता और द्वापर युग के घटना आज मानना कठिन हो जाता है कि ऐसा भी हुवा होगा।
एक जीव है। वो गर्मी के ऋतु में दो चार हप्ते जिता है। उसके कहिएगा जाड़े में इसी जगह बरफ गिरते हैं। काफी ठण्ड होती है। वो बात को नहीं मानेगा।
सतयुग १००%, अर्थात ईश्वर को पुरा मानने वाला युग। त्रेता में ७५%, द्वापर में ५०%, और कलियुग में घट के २५% लेकिन शुन्य नहीं। ईश्वर का पुर्ण रूप से अनुपस्थित हो जाना, उसी को तो नर्क कहते हैं। लेकिन बहुत लोग हैं मानते ही नहीं कि नर्क है भी। तो कलियुग उनके लिए है। ताकि वो देखे अपनी आँखों से। जिस युग में ईश्वर को सिर्फ २५% माना जाता है उस समय क्या होता है। कितनी क्रुरता, कितना अन्याय, कितना पाप, कैसे कैसे दुष्परिणाम, कितने सारे कठिनाइयाँ।
दश आदेश (Ten Commandments) के प्रथम चार ईश्वर की भक्ति के बारे में है। वजह है। एक अच्छे मानव समाज के निर्माण के लिए वो अपरिहार्य है। ईश्वर को केन्द्र में रख के ही एक अच्छे समाज का निर्माण संभव है। और कोइ रास्ता है ही नहीं।
काशी के बारे में कहा जाता है लगातार का सबसे पुराना शहर। १०,००० साल पुराना। भगवान राम लगभग ७,००० साल पहले। उसके २,००० साल बाद भगवान श्री कृष्ण। भगवान बुद्ध २,५०० साल पहले। येशु २,००० साल पहले। पैगम्बर मुहम्मद १,४०० साल पहले। पैगम्बर अब्राहम लगभग ४,००० साल पहले।
नेपाल के पश्चिमी तराई में भगवान बुद्ध पैदा हुवे लुम्बिनी में। अब भगवान कल्कि नेपाल के ही पुर्वी तराई में पैदा हुवे हैं मटिहानी में। भगवान बुद्ध के पिता को कहा गया या तो ये वो बनेंगे जो बने, नहीं तो चक्रवर्ती राजा। सारे दुनिया के राजा। भगवान कल्कि सारे दुनिया के राजा बनेंगे।
भगवान बुद्ध ईश्वर के बारे में न के बराबर बात करते हैं। क्या वजह है? जिस युग में लोगों के आध्यात्मिक ज्ञान की क्षमता ही बहुत कम हो वहाँ ज्यादा बात क्यों करना? लेकिन सत्युग के शिवजी सप्तर्षि को ढेर सारे आध्यात्मिक ज्ञान देते हैं। क्यों कि सत्युग में ज्ञान लेने के क्षमता उच्च होती है।
येशु पापों को माफ़ करने हेतु आए। क्या वजह है? क्यों कि कलियुग में बहुत ज्यादा पाप होता ही है।
लेकिन अब कलियुग के समाप्ति का क्षण निकट है। उस प्रोजेक्ट में सहभागी होइए। कल्कि सेना ज्वाइन करिए। मैं उस सेना का एक सेनापति। आप का प्रमुख अस्त्र हुवा सत्य वचन (Words Of Truth)।
भविष्य पुराण में कहा गया है कल्कि अवतार का सफ़ेद वाहन। लोग उसे कहते आए हैं सफ़ेद घोडा। हालाँकि वो है सफ़ेद हवाईजहाज। भगवान कल्कि दुनिया में जगह जगह हवाईजहाज में सफर करेंगे।
बाइबल में कहा गया है सारी दुनिया मुझे एक साथ देखेगी। वो हजारों साल पहले कहा गया। वो इंटरनेट के बारे में कही गयी।
बाइबल में कहा गया है इस दुसरी बार सारे यहुदी मुझे मानेंगे। २,००० साल पहले नहीं मानें। अब मानेंगे। जिस तरह कोशी, गण्डकी, कर्णाली नदी जा के गंगा में मिल के गंगा बन जाते हैं उसी तरह एक एक कर कलि युग में शुरू हुवे धर्म प्रत्येक सनातन धर्म में जा के समाहित हो जाएंगे सतयुग के शुरू होने होने तक। सारे पृथ्वी पर ईश्वर का प्रत्यक्ष शासन होगा।
ईश्वर ढेर सारी नयी बातें कहने जा रहे है। ये कोइ रेपेटिशन नहीं होने जा रहा। एक वसन्त ऋतु पिछले वसन्त ऋतु का रेपेटिशन नहीं।
No comments:
Post a Comment