Tuesday, December 20, 2022

चमत्कार करने नहीं आए हैं (Podcast 8)



एक महाशय से मेरी बात हुवी कुछ रोज पहले। तो उन्होंने कहा आप ब्रम्हा के अवतार हो तो ये श्लोक बताओ, वो वाली श्लोक बताओ। ये तो ऐसी बात हुवी कि आप ब्रम्हा के अवतार हो तो, सारी सृष्टि आप ने ही की तो सौर्य मण्डल में एक ग्रह और सृष्टि कर दो तो जानें। जीजस जब शुली पर था तो नीचे से रोमन सैनिको ने आवाज लगायी। तुम कहते हो ईश्वर के पुत्र हैं। तो शुली से नीचे आ के दिखाओ तब हम मान जाएंगे। अगर येशु ने उनकी सुनी होती तो साल्वेशन (salvation) का पुरा प्रोग्राम ही चौपट। लेकिन वो रोमन सैनिक फिर भी न मानते। कहते बन्दर नाच कर के दिखाओ।

उनसे बात होने से पहले ही मैंने अपने ब्लॉग पर स्पष्ट लिख दिया था कि इस साल आ के मुझे हिन्दु धर्म के बारे ढेर नयी जानकारी मिली। जैसे कि मुझे मालुम ही न था विष्णु के २४ अवतार। मुझे तो मालुम था १०। फिर ये आंशिक अवतार। वो क्या? अवतार तो अवतार, आंशिक अवतार क्या?

भविष्यवाणी पुरे होने से, दो तीन जो मैंने चमत्कार किए हैं और कोइ भी इंटरनेट पर जा के कन्फर्म कर सकता है उससे, और मेरा मिशन क्या है उससे मेरी परिचय स्थापित होती है। एक बार आप समझ जाएँ कि मैं क्या काम करने आया हुँ तो मेरी अवतार आप को समझ में आ जाएगी।

भगवान कृष्ण भगवान राम से कितने अलग किस्म के हैं। वो इस लिए कि भगवान कृष्ण को जो काम करना था उसके लिए भगवान कृष्ण जैसे थे वैसा ही होना था। मेरी इंटरनेट पर जबरजस्त उपस्थिति है। मैं दशकों से ब्लॉग्गिंग करता आ रहा हुँ। आप मेरे ब्लॉग पोस्ट सब पढ़ के देख सकते हैं मैं कैसे सोंचता हुँ। तो एक बात स्पष्ट हो जाएगा कि मैं एक राजनीतिक प्राणी हुँ। क्यों? क्यों कि जो काम करने आया हुँ वो काम ही कुछ ऐसा है। आगे दो दशक जो काम करना है वो एक राजनीतिक प्रकृति का काम है।

मैं यहाँ लोगों को वेद पुराण पढ़ाने नहीं आया हुँ। वो काम तो कब का हो चुका! मिडल स्कुल में मुझे थोड़ा संस्कृत पढ़ाया गया। बस उतना है मेरा संस्कृत का ज्ञान। साधगुरु ने एक वीडियो में कहा है कि वो संस्कृत बिलकुल नहीं जानते। मेरे को थोड़ा शकुन मिला। कि चलो। वो भी कोइ खास संस्कृत नहीं जानते।

भविष्यवाणी है कि मैं दुनिया भर के जितने चर्च हैं उन सभी को सक्रिय रूप से नेतृत्व प्रदान करूँगा। मेरी परिचय स्थापित होगी। यहाँ तक कि यहुदी भी मुझे इस बार मानेंगे। बाइबल मैं लिखा है। मैं अभी लोगों को अपना परिचय देते फिर रहा हुँ। लेकिन मुझे अभी मालुम है कि मेरी परिचय बड़े स्पष्ट किस्म से स्थापित होगी। दुनिया के दो बिलियन क्रिस्चियन मेरा सक्रिय नेतृत्व स्वीकार करेंगे।

दो हजार साल से वे प्रार्थना करते आ रहे हैं। मेरा ही सिखाया प्रार्थना। कि हे ईश्वर, धरती पर तेरा प्रत्यक्ष शासन चाहिए। वो कल्कि राज्य के लिए ही प्रार्थना होता आया है। यहुदी लोग भी एक ऐसे मसीहा के इंतजार में है जो सारे पृथ्वी के राजा बनें। सम्पुर्ण पृथ्वी पर अमन चयन कायम हो। सर्वत्र सुख और समृद्धि हो।

तो मैं जो प्रयास कर रहा हुँ हिन्दु धर्म या युं कहिए सनातन धर्म के बारे में कुछ सिख लुं वो मेरे काम से सम्बन्धित बात है। सत्य युग शुरू होने के बाद ईश्वर कुछ नया कहने जा रहे हैं। लेकिन सत्य युग शुरू होने के बाद लोगों की आध्यात्मिक ज्ञान की क्षमता बढ़ेगी। तो मैं उदहारण पेश कर रहा हुँ। कि देखो पिछले सत्य युग, त्रेता युग, द्वापर में जो सब हुवा वो कुछ मायने रखते हैं सब लोगों के लिए। संस्कृत का अच्छा ज्ञान न होना मुझे मेरे काम में मदद करती है।

भगवान कल्कि का भी और मेरा काम भी मानवीय संभावनाओं से सम्बंधित है। हम यहाँ चमत्कार करने नहीं आए हैं। हम यहाँ ये दिखाने आए हैं मानवीय संभावनाओं के रास्ते बहुत कुछ किया जा सकता है। जो सब करना है वो सब किया जा सकता है।



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